पराबैंगनी किरणें क्या हैं -What is ultraviolet rays and spectrum
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Welcome to Gyan Vigyan, the knowledge of science. In this article, we will understand what is ultraviolet rays and spectrum. What is it's the importance and it's uses, advantages, and disadvantages. So let's proceed to the topic.
पराबैगनी किरणें क्या होती हैं, परिभाषा, अर्थ - What is ultraviolet rays, definition, meaning?
जब सूर्य के प्रकाश को किसी प्रिज़्म से गुजारा जाए तब यह सात रंगों में विभाजित हो जाती है | यह एक साथ रंगो की पट्टी होती है, इसमें रंग एक निश्चित क्रम में होते हैं। पहला रंग होता है बैंगनी फिर नीला फिर आसमानी हरा, पीला, नारंगी, और अंत में लाल| इसी सात रंग की इस पट्टी को ही हम वर्णक्रम या स्पेक्ट्रम (Spectrum) कहते हैं।प्रकाश की ये किरणे तरंगों के रूप में यात्रा करती है। इन तरंगों को विद्युत-चुंबकीय तरंगे कहते हैं। यह तरंगे कम्पन के फलस्वरूप पैदा होती हैं। प्रत्येक रंग की अलग-अलग आवृत्ति होती है। आवर्ती को हर्ट्ज में मापा जाता है। और अगर हम आवृत्ति की परिभाषा को समझें तो 1 सेकंड में किए गए दोलनो की संख्या को आवृत्ति कहते हैं या एक सेकंड में किए गए कम्पनों को आवृत्ति उसकी कहते हैं। यदि कोई वस्तु 1 सेकंड में एक कम्पन करती है तब उसकी आवृत्ति 1 हर्टज होगी।
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इन सात रंगों में बैगनी रंग के आवृत्ति सबसे अधिक होती है |और लाल रंग की सबसे कम इसी बात को हम दूसरे ढंग से भी कह सकते हैं कि बैंगनी रंग की तरंगदैर्ध्य (Wave length ) सबसे कम और लाल रंग की सबसे अधिक होती है| इन सात रंगों के प्रति हमारी आंखें संवेदनशील होती हैं इसीलिए विद्युत चुंबकीय वर्णक्रम यह ये सातों रंग में दिखाई देते हैं
पराबैंगनी किरणों की स्पेक्ट्रम में स्थान - Ultraviolet rays in spectrum
इसके अतिरिक्त कुछ विद्युत चुंबकीय तरंगे ऐसी भी हैं जो हमारी आंखों को दिखाई नहीं देती। लाल रंग से कम और बैंगनी रंग से अधिक आवृत्ति की तरंगे हमें दिखाई नहीं देती| लाल रंग से काम आवर्ती की तरंगों को अवरक्त किरणें (Infrared rays) कहते हैं।अवरक्त किरणों से कम आवृत्ति की तरंगों को सूक्ष्म तरंगे (Micro waves)और उनसे भी कम आवृत्ति वाली तरंगों को रेडियो तरंगों (Radio waves) के नाम से जाना जाता है। बैंगनी रंग से अधिक आवृत्ति या कम तरंगदैर्ध्य वाली तरंगों को पराबैंगनी तरंगे (Ultra violet rays)कहते हैं| पराबैंगनी अधिक आवर्ती की तरंगों को क्रमशः एक्स और गामा किरणों के नाम से पुकारा जाता है।
पराबैगनी किरणों के लाभ और हानि - Advantage and disadvantage of ultraviolet rays
पराबैगनी किरणों से हानि
पराबैंगनी किरणों में बहुत अधिक ऊर्जा निहित होती है। इन किरणों की अधिक मात्रा में शरीर पर पड़ने से त्वचा झुलस जाती है। इतना ही नहीं इन से त्वचा का कैंसर भी हो सकता है। पराबैगनी किरणे आंखों के लिए बहुत ही खतरनाक है खुली आंखों पर इनके सीधे पढ़ने से आंखों में सूजन हो जाती है और मोतियाबिंद हो जाता है या आंखों से पानी आने लग जाता हैपराबैंगनी किरणों से लाभ
सूर्य के प्रकाश में इन किरणों की बहुत अधिक मात्रा होती है लेकिन वायुमंडल के ऊपरी हिस्से में उपस्थित ओजोन परत द्वारा काफी मात्रा अवशोषित कर ली जाती है | ओजोन परत ओजोन गैस का क्षेत्र है जो एक परत की भांति पृथ्वी के चारों तरफ विद्यमान है ओजोन परत के अवशोषित कर लेने के कारण पराबैंगनी किरणों की बहुत कम मात्रा ही पृथ्वी तक पहुंच पाती है| अगर से सारी किरणे आ जाएं तो धरती पर जीवन संभव नहीं होगा |कम मात्रा में इनके लाभ भी हैं, इनसे बहुत से बैक्टेरिया मर जाते हैं किरणों के द्वारा त्वचा में उपस्थित पदार्थ विटामिन डी में परिवर्तित हो जाते हैं | पराबैंगनी किरणों के इस हानिकारक प्रभाव से बचने के लिए हमें रंगीन चश्मे का प्रयोग करना चाहिए
पराबैगनी किरणों के अनुप्रयोग - Application pf ultraviolet rays
पराबैगनी किरणों के बहुत से लाभ भी हैं इसका ज्यादातर इस्तेमाल त्वचा से जुड़े रोगों में किया जाता है । इसके सीमित इस्तेमाल से मनुष्य को कुछ फायदे होते है और मन मस्तिष्क पर इसका अच्छा प्रभाव पड़ता है जब यह कुछ पदार्थों पर पड़ती है द्वारा प्रकाश उत्पन्न करती हैपराबैंगनी विकिरण क्या है - What is ultraviolet radiation
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