Tuesday, March 7, 2023

Home science - What is home science and why.? study, career in home science.

What is home science. ?

Home science is an interdisciplinary field of study that involves the study of various aspects related to home and family. It includes a range of subjects such as nutrition, child development, textiles and clothing, home management, family resource management, and consumer science.

The aim of home science is to help individuals and families in managing their homes and families in a better way. It provides knowledge and skills that are necessary for maintaining a healthy and comfortable living environment. Home science education equips individuals with practical skills that can be applied in their everyday life to improve their quality of life.

Home science also plays an important role in the development of society by promoting gender equality and empowering women. It enables women to become economically self-sufficient and independent by providing them with the necessary skills and knowledge to start and manage their own businesses.

Overall, home science is a multidisciplinary field of study that is relevant and useful for individuals and families in their everyday life. It helps individuals to develop practical skills and knowledge that are necessary for managing their homes and families, and promotes gender equality and empowerment.

why home science for career.?

Home science offers several career opportunities for individuals who are interested in this field. Here are some reasons why home science can be a great career choice:

Diverse career options: Home science offers a range of career options in various fields such as nutrition, textile and clothing, child development, home management, and consumer science.

High demand: With the increase in awareness about health, nutrition, and lifestyle, there is a growing demand for professionals in the field of home science. Individuals with a degree in home science can find employment opportunities in hospitals, schools, government agencies, research institutions, and private organizations.

Entrepreneurship opportunities: Home science equips individuals with the necessary skills and knowledge to start and manage their own businesses. Individuals can start their own businesses in the areas of food and nutrition, textiles and clothing, and home management.

Flexibility: Home science is a flexible career option that offers opportunities for part-time, full-time, and freelance work. This allows individuals to balance their work and personal life.

Social impact: Home science offers individuals an opportunity to make a positive impact on society. Professionals in this field can work towards improving the quality of life for individuals and families by promoting healthy lifestyle choices and sustainable practices.

conclusion for Home science as a career option

Overall, home science is a rewarding and fulfilling career option for individuals who are interested in improving the quality of life for individuals and families. It offers a range of career options, high demand, entrepreneurship opportunities, flexibility, and social impact.


Thursday, June 25, 2020

न्यूट्रॉन की खोज किसने की थी? - Who discover Neutron ?

न्यूट्रॉन की खोज किसने की थी?

एक परमाणु तीन प्रकार के मूल कणों के मिलने से बनता है, इन्हें इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन कहते हैं। न्यूट्रॉन और प्रोटॉन मिलकर परमाणु नाभिक  (Nucleus ) बनाते हैं। जबकि इलेक्ट्रान नाभिक के चारो और विभिन्न कक्षाओं में भ्रमण करते रहते हैं । न्यूट्रॉन पदार्थ का एक उप आणविक (Sub -Atomic ) कण है। न्यूट्रॉन पर कोई विद्युत आवेश नहीं होता। 

न्यूट्रॉन की खोज किसने की - Neutron invention

न्यूट्रॉन का आविष्कार - Discovery of neutron

न्यूट्रॉन का द्रव्यमान प्रोटॉन से अधिक होता है। क्या आप जानते हैं  कि न्यूट्रॉन का आविष्कार किसने किया। ?  न्यूट्रॉन का आविष्कार सर जेम्स चैडविक नामक ब्रिटिश भौतिक शास्त्री ने किया था । सन 1900 में वैज्ञानिकों को इस बात का पता चल गया था कि परमाणु में इलेक्ट्रॉन और फोटो नामक विद्युत आवेशित कण होते हैं। इलेक्ट्रॉनों पर ऋणात्मक (Negative)और प्रोटॉन पर धनात्मक (Positive) आवेश होता है। 

वैज्ञानिकों को संदेह था की परमाणु में उदासीन कण भी हो सकते हैं। सन 1932 में चैडविक ने यह प्रदर्शित कर दिखाया कि बेरिलियम (Beryllium) नामक तत्व पर अल्फा किरणों की बौछार करने से जो विकिरण (Radiation) निकलते हैं वे वास्तव में उदासीन कण ही होते हैं। इन कणों का नाम न्यूट्रॉन रखा ।


चैडविक ने इन कणो के दूसरे गुणों का भी अध्ययन किया। उन्होंने आण्विक नाभिक से निकलने वाले न्यूट्रॉन को तीव्र न्यूट्रॉन नाम दिया ।  

चैडविक नहीं समस्थानिको (Isotopes) के अस्तित्व की भी विवेचना की। उन्होंने बताया कि जब किसी समान प्रोटॉन की संख्या वाले नाभिकों में न्यूट्रॉन की असमान संख्या होती है तब ऐसे नाभिकों को उस तत्व का समस्थानिक कहते हैं। 

न्यूट्रॉन की संख्या भिन्न होती है । इसका आणविक भार भिन्न होता है।चैडविक को उनके द्वारा किए गए आविष्कारों पर सन 1935 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। चैडविक ने नाभिक श्रृंखला प्रक्रियाओं पर सराहनीय कार्य किया । उन्होंने वित्तीय विश्वयुद्ध के दौरान विकसित हुए परमाणु बम के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

न्यूट्रॉन के गुणों का अध्ययन करने पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि जब यह कण नाभिक के बाहर होता है, तब अस्थाई होता है। औसतन 12 मिनट में एक न्यूट्रॉन का क्षय हो जाता है। 

समय की लंबाई को न्यूट्रॉन का आधा जीवन कहा जाता है। नाभिक के अंदर न्यूट्रॉन सामान्यता स्थाई होते हैं, लेकिन यदि नाभिक के अंदर इनका क्षय  होने लगता है तब यह पदार्थ रेडियोधर्मी (Radio Active ) हो जाता है। 

न्यूट्रॉन की किरणे खतरनाक होती हैं 

न्यूट्रॉन की किरणें बहुत ही खतरनाक होती है वे आसानी से किसी भी पदार्थ में प्रवेश कर सकती हैं। यही कारण है कि जो वैज्ञानिक संस्थानों में कार्य करते हैं उन्हें अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए सुरक्षा कवच पहनने पड़ते हैं

Saturday, June 20, 2020

क्वार्ट्ज़ क्या है? इसके उपयोग और महत्त्व - What is Quartz ?

क्वार्ट्ज़ क्या है? - What is Quartz ?

क्वार्ट्ज़ (Quartz ) प्रकृति से सबसे अधिक मात्रा में मिलने वाला खनिज पदार्थ है। अधिकतर चट्टाने इसी से बनी होती है। यह शुद्ध कायंतरित और तलहटी चट्टानों का मुख्य हिस्सा है। यह वास्तव में सिलिकॉन और ऑक्सीजन का विशेष योगिक है। 

शुद्ध कोर्स में सिलिका और सिलीकान डाइऑक्साइड होते हैं। क्वार्ट्ज़ देखने में काँच की तरह परभासी होता है और यह बिल्कुल काँच जैसा लगता है और काँच की भांति ही भुरभुरा होता है लेकिन यह सख्त होता है और इसके पिघलने का तापमान भी काँच से बहुत अधिक होता है। 

इसे काँच की तरह पिघलाकर नालियां और अन्य उपयोगी सामान बनाए जाते हैं। इन्हें चौकोर टुकड़ों में ढाला जा सकता है। ऑक्सीजन और हाइड्रोजन की लपटों के द्वारा इसे विभिन्न रूपों में ढाला जा सकता है । क्वार्ट्ज आर्थिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण पदार्थ है। 

क्वार्ट्ज़ क्या है? इसके उपयोग और महत्त्व - What is Quartz ?

क्वार्ट्ज़ के रूप  - Quartz different forms 

इसकी बहुत सी किस्में बहुमूल्य पत्थरों के रूप में आभूषणों में प्रयोग की जाती हैं। एमेथिस्ट, सिटिरिन, नीला क्वार्ट्ज़ और धुए के रंग का क्वार्ट्ज़ आमतौर पर आभूषणों में प्रयोग किया जाता है। 

क्वार्ट्ज़ के उपयोग - Quartz uses 


इन सभी रंगों के क्वार्ट्ज से आभूषण बनाए जाते हैं। बलुआ पत्थर, जिसमे प्रचुर मात्रा में क्वार्ट्ज होता है भवन निर्माण के लिए बहुत ही उपयोगी है। क्वार्ट्ज वाली बालू को काँच और और पोर्सलीन के निर्माण में भी प्रयोग में लाते हैं। 

रेगमार्क और घिसाई में काम आने वाले पत्थरों के निर्माण में भी क्वार्ट्ज का प्रयोग होता है इससे पराबेंगनी प्रकाश के लिए लेंस भी बनाए जाते हैं। क्वार्ट्ज से बानी नलिकाएं तथा दूसरे उपकरण प्रयोगशाला में काम आते हैं। 

क्वार्ट्ज से बने तंतु अत्यंत संवेदी तुलओं में काम आते हैं। क्वार्ट्ज एक पीजोइलेक्ट्रिक इलेक्ट्रिक पदार्थ है। पीजोइलेक्ट्रिक पदार्थ वे पदार्थ होते हैं जिन पर दाब लगाने से विद्युत विभव पैदा हो जाता है और विद्युत विभव लगाने से क्वार्ट्ज में प्रसार और सिकुड़ाव अर्थात कंपन पैदा हो जाती है। 

 इसके गुण के आधार पर क्वार्ट्ज द्वारा विद्युत संदेशों को ध्वनि तरंगों में और ध्वनि को विद्युत कम्पनों में बदला जा सकता है क्वार्ट्ज का पीजोइलेक्ट्रिक गुण टेलीविजन, रडार तथा दीवार की घड़ियों के लिए, यह ओसिलेटर (Oscillator ) बनाने में बहुत ही महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ है। 

क्वार्ट्ज मणिभों से बनी घड़ियां बहुत ही सही समय प्रदर्शित करती हैं। क्वार्ट्ज के प्रकृति में मिलने वाले मणिभ मुख्य रूप से ब्राजील में मिलते हैं। क्वार्ट्ज को कृत्रिम रूप से भी बनाया जा सकता है

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Friday, June 19, 2020

मौत की घाटी का रहस्य? What is death valley famous for?

मौत की घाटी क्या है ? - What is death valley?

मौत की घाटी (death valley) उत्तरी अमेरिका का एक बहुत ही विचित्र स्थान है यह कैलिफोर्निया के दक्षिण पूर्व में नवादा की सीमा के पास है । इसकी लंबाई 225 किलोमीटर है। अलग-अलग स्थानों पर इसकी चौड़ाई भिन्न-भिन्न है और यह 8 से 24 किलोमीटर के बीच में है।
 
मौत की घाटी को उत्तरी अमेरिका का सबसे गर्म और सूखा स्थान कहा जाता है । इसकी तली सबसे नीची है। तली का सबसे नीचा स्थान समुद्र तल से 86 मीटर नीचे है । इस घाटी का तापमान 49 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंच जाता है। यहाँ नाम मात्र की वर्षा होती है। 

साल में औसत वर्षा केवल 5 सेंटीमीटर के लगभग होती है। घाटी में पानी का नामो निशान तक नहीं है। अगर है भी तो बहुत ही खारा । सारी घाटी में बालू ही बालू है । 

मौत की घाटी का रहस्य? What is death valley famous for?

मौत की घाटी में मृत्यु ? - Why people die in death valley?


शुरू-शुरू में अमेरिका आने वाले लोगों को या घाटी पार करके ही आना पड़ता था। इसके तापमान और सूखेपन के कारण ही बहुत से लोग घाटी को पार करने में ही मर जाते थे। 

कैलिफ़ोर्निया के आसपास के क्षेत्रों में सोने के भंडारों का पता लगाने के लिए जाने वाले बहुत से लोग भी इस घाटी को पार करते समय मर गए उन्हीं के कारण ही इस घाटी का नाम डेथ वैली यानी मौत की घाटी पड़ा। 

मौत की घाटी क्यों प्रसिद्ध हुई? - Death valley famous for?


1870 में घाटी का अध्ययन किया गया इसमें हजारों जानवर और मनुष्य की हड्डियों के ढांचे मिले इस घाटी को अमेरिका का राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर दिया गया। 

इस घाटी के विचित्रता को देखने के लिए हर वर्ष 4-5 हजार लोग यहां आ जाते हैं। यद्यपि यह पूरी घाटी है रेगिस्तान है फिर भी यहां खरगोश, गिलहरी, कंगारू, मुसक आदि जानवर बहुतायत मिलते हैं। 

सन 1890 में किये गए सर्वे में बताया गया था कि इसमें 78 प्रकार के पक्षी हुए हैं। पर्यटकों के लिए आज इसे अति रमणीय स्थान बना दिया गया हैं।

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Thursday, June 18, 2020

खाने के बाद हमें नींद क्यों आने लगती है? Do you sleep after food?

खाने के बाद हमें नींद क्यों आने लगती है? - Why do we sleep after eating?

 Why we sleep after food.? 

यह एक सामान्य अनुभव की बात है कि अधिक भोजन करने के बाद हमें नींद सी आने लगती है और शरीर में शिथिलता आ जाती है। खाना खाने के बाद बहुत ही गहरी नींद आती है। 

भोजन करने के बाद नींद आने का कारण निम्न प्रकार से समझा जा सकता है । सामान्य व्यक्ति के शरीर में लगभग 5 लीटर रक्त होता है। यह रक्त सारे शरीर में संचरण करता रहता है। 

शरीर के विभिन्न भागों में रक्त की मात्रा अलग-अलग होती है जो आवश्यकतानुसार समय-समय पर बदलते रखती है । सामान्य से आने वाले रक्त का 28% यकृत 24% गुर्दा 15% मांसपेशियों को 14% मस्तिष्क को और शेष 19% शरीर के दूसरे भागों को जाता है । 

यह अनुपात कार्यों के अनुसार बदलता रहता है जब हम भोजन करते हैं भोजन के पाचन क्रिया के लिए पेट को रक्त की अधिक आवश्यकता होती है। 

why do we sleep after food?


Reason of sleep after food - खाने के बाद नींद आने का कारण 


भोजन के बाद शरीर के खून का बहुत सारा हिस्सा पेट में प्रवाहित हो जाता है। परिणाम स्वरूप मस्तिष्क में रक्त की मात्रा कुछ समय के लिए कम हो जाती है। 

मस्तिष्क की क्रियाशीलता कम होना है या नींद का कारण है। मस्तिष्क में रक्त की उचित मात्रा पहुंचने में समय लगता है वास्तव में यह एक ऐसी स्थिति है जब शरीर को आराम की आवश्यकता होती है । 

इसलिए भोजन करने के बाद थोड़ी देर आराम करना बहुत जरूरी है

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Wednesday, June 10, 2020

सलादीन (सलाहुद्दीन ) कौन था? Who was Saladin? [Full Info]

सलादीन (सलाहुद्दीन ) कौन था । Who was Saladin?

तीसरे धर्मयुद्ध (Crusade) के समय सलादीन अर्थात सलाहुद्दीन सबसे महान मुस्लिम सेनापति था वह सीरिया और मिस्र का सुल्तान था। 

सलाहुद्दीन सन 1138 में पैदा हुआ था । वह दमिशक के गवर्नर अय्यूब का पुत्र था । उसका पूरा अरबी नाम सलाह- अल-दीन युसूफ बिन अय्यूब था । मिस्र (Egypt ) को ईसाईयों से बचाने के लिए कई वर्ष के अभियान के बाद वह 1174 में वहां का सुल्तान बना।

Who was Saladeen सलादीन (सलाहुद्दीन ) कौन था



सलाहुद्दीन एक धार्मिक मुस्लिम था। वह फिलिस्तीन को ईसाइयों से मुक्त कराने का निश्चय कर चुका था। ईसाइयों ने प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद वहां अपना शासन स्थापित कर लिया था। 

1187  मैं उसने फिलिस्तीन से अपना अभियान आरंभ किया और जेरुसलम अपना अधिकार कर लिया। जब सलाउद्दीन की विजय का समाचार पश्चिम यूरोप पहुंचा तब ईसाइयों ने तीसरे धर्म युद्ध (Crusade ) की घोषणा कर दी। 

इस युद्ध का नेतृत्व रिचर्ड प्रथम  (the lion heart )और फ्रांस के फिलिप द्वितीय ने किया। 3 वर्ष तक चली लड़ाई के बाद रिचर्ड और सलाउद्दीन के बीच समझौता हो गया ।. 

इसके बाद जल्द ही सलाहुद्दीन की मृत्यु हो गई । वह अपनी सैनिक क्षमता एवं वीरता के लिए संसार में प्रसिद्ध है।

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भूकंप क्या हैं? और ये क्यों आते हैं ? [ Earthquake in hindi ]

भूकंप क्यों आते हैं? Why Earthquake comes ? 

नमस्कार दोस्तों ,
ज्ञान विज्ञानं के इस भाग में आपका स्वागत है। आज हम देखेंगे की भूकंप क्या है ? और ये क्यों आते हैं  । भूकंप के प्रभाव धरती पर

भूकंप आने पर धरती हिलने लगती है। धरती की यह कंपन  कभी-कभी इतनी साधारण होती है कि हमें उसका पता तक नहीं चल पाता और कभी-कभी इतनी विकराल होती है इसके कारण जमीन तक पड़ जाती है। इमारतें गिर जाती हैं और बहुत से लोग मर जाते हैं । 

भूकंप क्यों आते हैं reason for earthquake

धरती के हिलने या कंपन को ही भूकंप या भूचाल कहते हैं। क्या तुम जानते हो कि भूकंप क्यों आते हैं?

हम जानते हैं कि पृथ्वी की सतह विभिन्न प्रकार की ऊंची नीची चट्टानों से बनी है।  पृथ्वी की भीतरी उथल-पुथल के कारण या असमान दबाव के कारण इन चट्टानों में विकृति पैदा हो जाती है। अधिक दबाव के कारण चट्टानों की परतें  अचानक से टूट जाती हैं। 

टूटकर ये चटटानें या तो टूट जाती हैं या तो धरती के अंदर धँस जाती है या ऊपर की ओर उठ जाती हैं। जिस स्थान पर ऐसी चट्टानी परिवर्तन होता है उस स्थान पर पृथ्वी की पपड़ी को एक जोरदार झटका लगता है इसके कारण पृथ्वी काँप उठती है। 

यही कंपन धरती की सतह में होती हुई आगे बढ़ती है। जिस स्थान तक इन कम्पनों को महसूस किया जाता है उस स्थान की धरती का क्षेत्र भूकंपग्रस्त हो जाता है जिसके फलस्वरूप इमारतें गिर जाती हैं और लोग मारे जाते हैं जिस स्थान पर भूकंप की उत्पत्ति होती है उस स्थान को भूकंप का केंद्र कहते है 

 धरती की सतह पर कुछ ऐसे स्थान हैं जहां पर अक्सर भूकंप आते रहते हैं जापान में सबसे अधिक भूकंप आते हैं यहां का भूपृष्ठ सब जगह एक सा नहीं है इसीलिए भूकंप अधिक संख्या में आते हैं। 

भूकंप का अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिकों ने एक यंत्र विकसित किया है जिसे भूकंप मापी कहते हैं । इस यंत्र में भूकंप तरंगों का लेखा-जोखा करने का प्रबंध होता है , भूकंप का अध्ययन करने के लिए यंत्रों को संसार के विभिन्न भागों में लगा दिया जाता है जो लगातार भूकंप की कंपन को रिकॉर्ड करते रहते हैं। 


इनका उद्देश्य मानव जाति को भूकंप के खतरों से सावधान करना है परंतु अभी तक वैज्ञानिक ऐसा कोई यंत्र नहीं बना पाए हैं जो पहले से सूचना दे सके उसे रोक सके। 

दोस्तों, 
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